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बात कुछ और थी ,
इशारा, कहीं और ले गए |
कहा हमने ,कुछ और था,
बहाना ,कहीं और ले गए ||
पकडना कुछ और था ,
और देखना ,कहीं और ले गए |
सोचना जरा खुद के बारे में था,
पर वो समझना ,कहीं और ले गए |
नुस्खा नई और ताजी थी ,
और वो आजमाना ,कहीं और ले गए |
चलना तो खुदसे था ,
लेकिन कदम का उठाना ,कहीं और ले गए |
- अतुलसूर्यकांत
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